तालिबान कौन है और वे कहाँ से आए हैं ? WHO IS TALIBAN ? & WHERE DID THEY COME FROM ?

 तालिबान कौन है और वे कहाँ से आए हैं ? 

WHO IS TALIBAN & WHERE DID THEY COME FROM ?




AFGANISTAN PROTEST
अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 19 अगस्त को वहां के लोगो ने कई जगहों पर अफगानी झंडा लहराया और तालिबान का खिलाफ कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किया। 
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अफगानिस्तान 

अफगानिस्तान में आज तालिबानी शासन आ चूका है चूका है। दुनिया के बड़े-बड़े ताकतवर देश आज चुप क्यों है ? यहाँ तक की अमेरिका से ब्रिटेन तक के सेना ने भी आज अफ़ग़ानिस्तान को अकेला छोड़ है। वहीँ यूरोपीय देशो ने भी अपने-अपने दूतावास में तैनात राजनयिकों को बचा कर किसी तरह ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे परिस्थिति में ये जानना जरूरी है की तालिबान आखिर कौन है ? और कैसे इसने एक लोकतांत्रिक देश अपने कब्ज़ा में कर लिया है? जिस देश  सुरक्षा की जिम्मेवारी दुनिया भर के देश ले रहे हैं। 

तालिबान कौन है ? 

तालिबान शब्द का मतलब पश्तून में होता है "छात्र" 1990 के दशक में जब सोवियतसंघ अपने सैनिको को वापस बुला रहा था उसी समय तालिबान का उभार हुआ। तालिबान छात्र संगठन की ओर इशारा करता है। मोहम्मद उमर का छात्र माना जाता है। की साल 1994 में उमर ने कंधार में तालिबान को बनाया था। ऐसा कहा जाता है की संगठन बनाने के समय उसके 50 समर्थक थे। जो की सोवियत के गृहयुद्ध के दौरान उत्तपन अस्थिरता , अपराध और भ्रष्टाचार को होते देख अफगानिस्तान को सवारने का सांतवना दिए थे। एक विदेशी मामले के जानकर व्यक्ति का कहना है , तालिबान एक बहुत बड़ा गुट है। जिसकी कॉउन्सिल का हेडक्वाटर पाकिस्तान के क्योटा में है जो की बलूचिस्तान की राजधानी है। कुछ सूत्रों से पता चलता है की  संगठन के सरे लीडर वहीँ रहते हैं। 

तालिबान अफगानिस्तान में कैसे फैला ?


साल 1995 में तालिबानियों ने ईरान से लगे हेरात पर कब्ज़ा किया था। वहीं अगले वर्ष यानि 1996 में अफगानिस्तान की राजधानी कंधार पर हमला किया और कंधार को अपने कब्जे  लिया। इसी समय वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति बुरहमुद्दीन रब्बानी कुर्सी से हटा दिया। रब्बानी अफगानिस्तान के मुजहीरुद्दीन के संस्थापक सदस्य में शामिल थे जिन्होने सोवियत ताकतों का विरोध किया था। तालिबानियों ने साल 1998 तक करीब 90 प्रतिशत काबुल के क्षेत्र पर अपना कब्ज़ा जमा लिया था। 

अफगानिस्तानी लोग तालिबान का विरोध क्यों करते हैं ?


शुरूआत में तो अफगानिस्तान के लोग तालिबान का स्वागत करते थे। उन्हें लगता था की तालिबानियों उनका संरक्षण करते हैं। परन्तु समय बीतने के साथ वहां अव्यवस्था फैलने लगी और अफगानिस्तान का शक्ल बदलने लगा। धीरे-धीरे वहां इस्लामिक नियम कानून लागु किए जाने लगे। अपराध छोटी हो या बड़ी , चोरी की हो, या हत्या की दोषियों को सरेआम मौत के घाट उतरा जाने लगा। यहाँ तक की टीवी और म्यूजिक पर भी रोक लगा दिया गया। 

इसी सबको देखते हुए वहां के लोगो ने तालिबान का विरोध करना शुरू कर दिया। परन्तु आज जब फिर से वही चीज दुहराने को है तो , लोग पहले वाले दिन को यद् कर वहाँ से  भागने में लगे हुए हैं। 

TALIBAN KAUN HAI AUR KAHAN SE AAYA HAI
अल-जजीरा के एक रिपोर्ट  के मुताबिक तालिबानी अफगानिस्तान के राजधानी काबुल में राष्ट्रपति भवन में अपना बर्चस्व स्थापित कर लिया है और अल जजीरा से बात करते हुए उसने यह बयान  दिया हैं की अफगानिस्तान अब आजाद हो गया है।  वही उसके रष्ट्रपति भवन से कई सारी तस्वीरें वायरल हो रही है जिसमे वे लोग बन्दुक लहराते नजर आ रहे हैं। मै आपको दूँ की तालिबानियों के काबुल आ जाने से वहाँ के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफगनी देश छोड़ के भाग गए हैं।  trend2news.in

तालिबानियों को अमेरिका से क्या दुश्मनी है ?


11 सितम्बर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर एक आतंकी हमला हुआ था। जिस हमला में ओसामा बीन लादेन भी शामिल था तालिबानियों ने लादेन को पनाह दे राकी थी। तभी अमेरिका ने कहा की लादेन को उसे सौंप दे, परन्तु तालिबानियों ने इंकार कर दिया। इसके बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में घुसकर तालिबानियों को खदेड़ना शुरू कर दिया और अंततः वहां के तालिबानी सरकार को गिरा दिया। फिर बाकी बचे तालिबानी नेता अफगान छोड़ कर भाग गया था। 

तभी से अमेरिका के आलावा यहाँ पर NATO के भी सुरक्षा बल तैनात हो गए। परन्तु आज जब अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया तो तालिबानी एक बार फिर से अफगानिस्तान पर अपना कब्ज़ा जमा लिए है। और वहाँ फिर एक बार 1995 वाली स्तिथि उत्तपन हो गई है। 

तालिबान के पास वर्तमान में कितने लड़ाके हैं ?


 अमेरिकी सैनिक के वापस जाते ही एक बार फिर से तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है। NATO के एक रिपोर्ट के अनुसार तालिबानी पहले से भी ज्यादा शक्तिशाली बनकर उभरा है। वही काबुल पर तालिबान का कब्ज़ा होते ही अफगानी राष्ट्रपति देश छोड़ कर भाग गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान तालिबान में अभी लगभग 85 हजार से भी अधिक लड़ाके है।  

तालिबान के पास पैसा कहाँ से आता है ? 


वैसे तो तालिबान के पास पैसो की कोई कमी नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक उसके साल 2019 -20 का इनकम लगभग 1.6 बिलियन डॉलर है। उसके पास पैसे कमाने का सबसे बड़ा जरिया ड्रग्स सप्लाई करना है। इससे वह साल में लगभग 426 मिलियन डॉलर कमा लेता है। इसके आलावा उसे रूस ,ईरान ,पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशो से सालाना लगभग 100 मिलियन से 500 मिलियन डॉलर प्राप्त होते हैं।   










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