BIOGRAPHY OF GURU RAHMAN PATNA IN HINDI



BIOGRAPHY OF GURU RAHMAN OATNA
BIOGRAPHY OF GURU RAHMAN PATNA




11 रुपए से भी काम पैसे में पढ़ाने वाले गुरु रहमान आज दुनिया में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। 41 वर्षीय शिक्षक डॉ एम रहमान आज समाज के लिए एक मिसाल बन चुके हैं। वे अभी तक 100 से भी अधिक गरीब कन्याओं का कन्यादान करबा चुके हैं। आज उन्हें गरीबो का मसीहा कहा जाता है। वे शिक्षक होने के साथ एक समाज सेवक भी हैं। शिक्षा के क्षेत्र में ना जाने कितने हजार छात्र को वे आईएएस ,आईपीएस ,दरोगा और न जाने क्या क्या बना चुके हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से इनके अभी तक के पूरी जीवन गाथा को जानने की कोशिश करेंगे।  


गुरु रहमान की जीवन परिचय। 


डॉ एम रहमान अपने कर्म और विचार  पर सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं। वे कुरान के साथ ऋंगवेद के भी अच्छे जानकर हैं।  रहमान सर का जन्म 10 जनवरी 1974 को सारण जिला के बसंतपुर में हुआ था। उनहोने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डेहरी ऑन सोन से प्राप्त किया। फिर उन्होने स्तानक की डिग्री लेने बनारस हिन्दू विशविद्यालय में चले गए। यहाँ से वे प्राचीन इतिहास में स्तानक एवं पुरातत्व में मास्टर्स भी किया। बाद में इन्होंने कोचिंग में पढ़ाना शुरू कर दिया। लेकिन कुछ समय के बाद फिर वे पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाना आरम्भ कर दिया, जहाँ उन्हें यूजीस के द्वारा बेस्ट टीचर का अवार्ड भी दिया गया। इसके बाद इन्होंने 1997 में ऋंगवेद कालीन आर्थिक एवं सामाजिक विष्लेषण विषय पर पीएचडी भी किया। 

गुरु रहमान का प्रेम विवाह हमेशा चर्चा में बना रहता है इन्होंने साल 1997 में एक हिन्दू लड़की से प्रेम विवाह किया था। 


गुरु रहमान का प्रेम विवाह। 


डॉ रहमान ने साल 1997 में एक हिन्दू लड़की अमिता से प्रेम विवाह कर लिया। परन्तु इन दोनों के धर्म अलग-अलग होने के कारण समाज और उनके घर वाले उन्हें अपनाने से इंकार कर दिए, और एक शर्त रख दिए की अगर उनकी पत्नी इस्लाम कुबूल करती है तो वे उसे अपनी बहु स्वीकार करेंगे। परन्तु धार्मिक स्वतंत्रता में विश्वास करने वाले गुरु रहमान ने अपनी पत्नी पर कभी भी इस्लाम कुबूल करने और किसी भी अन्य तरह के चीजों को करने के लिए दबाव नहीं डाला। 

इतना कुछ होने के बाद उनके घर वालो ने उन्हें घर से निकल दिया। और सभी प्रकार का नाता उनसे तोड़ लिया जिसके कारण डॉ रहमान आज तक अपने घर वाले से मिलने नहीं गए। 

शादी के सात वर्षो तक दोनों पति-पत्नी एक दूसरे से दूर रहें। डॉ रहमान लॉज में रहते थे और उनकी पत्नी गर्ल्स हॉस्टल  थी। दोनों को मकान का किराया चुकाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। डॉ रहमान कहते हैं की कहीं से भी आर्थिक सहयोग ना  कारण उन्हें काफी तकलीफ़ों का सामना करना पड़ता था। बाद में उन्होंने एक कोचिंग में पढ़ाना शुरू किया, जिससे महीनें में चार से पांच हजार रुपए आ जाते थे। तब इनकी जीवन कुछ अच्छे तरीके से गुजरने लगे। परन्तु 2004 में इनकी एक किडनी ख़राब गयी। जिसका  इलाज कराने के दौरान उनकी सारी सेविंग किए पैसा खर्च हो गया। इनके इलाज के वजह से इनके पत्नी के गहने तक बेचने पद गए। लेकिन काफी इलाज होने के बावजूद भी इनका रोग ठीक नहीं हुआ तब वे प्राकृत चिक्तिसा का सहारा लिए ,जिसके वजह से आज वे ठीक हैं। और प्रतिदिन कई घंटो तक छात्र-छात्राओं को पढ़ाते हैं। 

गुरु रहमान बताते हैं की प्रेम विवाह करने के कारण उन्हें जीवन में बहुत से कठिनाईओ का सामना करना पड़ा था ,फिर भी वे हिम्मत हारे। उनका कहना है की प्रेम विवाह करना आसान है पर उसे निभाना बहुत कठिन है। 
गुरु रहमान ने अपनी प्रेमिका के चलते हिन्दू धर्म को अपनाया और आज उनके दो बच्चे है। 


गुरुकुल की स्थापना 


गरीब और लाचार बच्चो को पढ़ाने के लिए गुरु रहमान ने अपनी बेटी अदम्या अदिति के नाम पर 2010 में एक गुरुकुल की नींव राखी। वे चाहते थे की अनाथ बच्चो के लिए एक अनाथालय खोला जाए परन्तु अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। क्योकि जमीन मामला अभी कोर्ट में हैं। गुरु रहमान का कहना है की आतंकवाद ,भ्रष्टाचार और इससे जुडी सभी प्रकार के घटनाओं का सबसे बड़ा कारण अशिक्षा है। और शायद वे चाहते हैं की आज के अभी युवा शिक्षित हो जिसके कारण वे अपने कोचिंग का फी कम से कम रखते हैं। 


गुरु रहमान के यहाँ विधार्थियों से 11 रुपया फ़ीस के नाम पर ली जाती है। 


गुरु रहमान ने गरीबी को नजदीक से देखा है जिसके कारण वे अपने कोचिंग का फ़ीस कम से कम रकते हैं। ताकि सभी तरह के विधार्थी पढ़ सके और अपने जीवन में कुछ हासिल कर सके। गुरु रहमान का मानना है गरीबी का मतलब लाचारी नहीं बल्कि गरीबी का मतलब कामयाबी होता है। और यह कामयाबी जोश ,जूनून और अपने सपनो के प्रति समर्पण से हासिल किया जा सकता है। अगर आप सोच रहे होंगे  काम फ़ीस में वे अपने गुरुकुल को कैसे चलाते हैं , मै आपको बता दूँ की उनके द्वारा पढ़ाए गए सभी छात्र दान देते हैं जीके कारण गरीब छात्र भी पढ़ पते हैं। गुरु रहमान मुसलमान होने के बावजूद भी वेद के अच्छे ज्ञाता है। और उनके गुरुकुल में वेद की भी शिक्षा दी जाती है। 

RSS प्रमुख मोहन भागवत द्वारा भी गुरु रहमान को  सम्मानित किया जा चूका है। 


रहमान सर अपने जीवन में शिक्षा के जरिए बदलाव लाना चाहते हैं। गुरु रहमान का मानना है की शिक्षा ही एक मात्र ऐसा मन्त्र है जिसके जरिए भारत के लोगो को अपने अधिकारों के प्रति जगरूप किया जा सकता है। और समाज के पिछड़े हुए लोगो को मुख्य धारा से जोड़ा जा सकता है।  इसके आलावा भी वे अपने जीवन के बाद जरुरत मंद मरीजों के लिए अपने अंगो और मेडीकल कॉलेज के छात्रों को अपना अंग दान करने की घोषणा कर चुके हैं। 

गुरु रहमान के इस कदम को देखते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। गुरु रहमान की जीवन कहानी आज के बच्चो के लिए  प्रेरणा स्रोत है। 


रहमान सर का कोचिंग कहाँ है?और वे क्या पढ़ाते हैं ? 


गुरु रहमान का कोचिंग पटना के भिखना पहाड़ी  नया टोला के गोपाल   मार्केट , पटना 800004 में है। जहाँ पर गुरु रहमान इतिहास पढ़ाते हैं। इस कोचिंग में सिविल सर्विसेज ,दरोगा ,बैंकिंग ,एसएससी एवं विभिन्न प्रकार के Competative परीक्षाओ की तैयारी गुरु रहमान और उनकी टीम द्वारा कराई जाती हैं। इसके आलावा उनका RAHAMN'S AIM CIVIL SERVICES नाम से YOUTUBE CHANNEL भी है। जिसपर डेढ़ लाख से भी ज्यादा SUBSCRIBER है। उनका इसी नाम से APPLICATION भी है जिसपर ऑनलाइन के माध्यम से पढाई कराई जाती है।