PARAOLYMPICS KHEL KYA HOTA HAI ?

 पैरालंपिक खेल क्या होता है ?


paraolympics kya hota hai
पैरालम्पिक क्या होता है ? और इसकी शुरुआत कब हुई? 👉trend2news.in

                                  




पैरालंपिक एक अंतराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली बहु- प्रतियोगिता है। जिसमे शारीरिक रूप या  मानसिक रूप से दिव्यांग खिलाडी भाग लेते हैं। इस खेल की शुरआत दूसरे विश्वयुद्ध के बाद किया गया था। इस  शुरुआत करने की सबसे बड़ी वजह द्वितीय विश्वयुद्ध में घायल हुए सैनिको को फिर से मुख्यधारा में लेन की एक छोटी सी कोशिश थी। खास तौर पर इस खेल का आरम्भ स्पाइनल इंज्युरी से शिकार सैनिको को ठीक करने के लिए किया था। 

साल 1948 में दूसरे विश्वयुद्ध के समाप्ति के समाप्ति के बाद घायल हुए सैनिको को स्पाइनल इंजुरी को ठीक करने के लिए स्टॉक मांडेविल अस्पताल में काम कर रहे नियोरोलॉजिस्ट सर गुडविंग गुत्तमान ने इस रिहेबिलेशन कार्यकर्म के लिए इस स्पोर्ट्स को चुना था। सर गुडविंग को ही पैरालंपिक खेल का जनक कहा जाता है। इन खेल को शुरुआत के समय अंतराष्ट्रीय व्हीलचेयर गेम्स के नाम से जाना जाता था। 

पैरालंपिक खेल की शुरुआत कब हुई ?


 वर्ष 1948 में लन्दन सबसे पहले ओलिम्पिक खेलो का आयोजन किया गया। इसी के साथ ही डॉ गुत्तमान ने दूसरे अस्पतालों के मरीजों के साथ इस खेल की शुरुआत की। उसके बाद 1952 में फिर इस स्पोर्ट्स कम्पटीसन का आयोजन किया गया। इस बार , इस खेल में ब्रिटेन के सैनिक के साथ डच सैनिक भी इस खेल में भाग लिए। 


फिर उसके बाद इस खेल का आयोजन 1960 में इटली की राजधानी रोम में आयोजन किया गया। इस खेल में डॉ गुट्ट्मं 400 व्हीलचेयर लेकर ओलिंपिक खेल में पहुंचे। जहाँ पैरा लोगो के लिए खेल का आयोजन किया गया था। इस खेल में सैनिको के साथ आम लोगो ने भी भाग लिया। और इसी खेल  बाद आधुनिक पैरालंपिक खेल की शुरुआत मानी जाती है। एवं इसी खेल में 23 देशो के लगभग 400 खिलाड़ी शामिल हुए थे। 

साल 1960 के बाद जहाँ-जहाँ ओलिम्पिक खेलो का आयोजन किया जाता था वहां-वहां पैरालंपिक खेलो का भी आयोजन किया जाने लगा। इसी के साथ ब्रिटेन के मार्गेट माघन पैरालंपिक खेलो में गोल्ड मेडल जितने वाले प्रथम एथलीट बने। 


1980 के बाद का पैरालंपिक खेलो का महत्त्व। 


1980 के पैरालम्पिक खेल मास्को में होने वाला था परन्तु वहां के राजनीती में हुई उतार चढाव के कारण मॉस्को ने पैरालम्पिक खेलो का मेजबानी करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद इस खेल की मेजबानी करने का मौका हॉलैंड को दिया गया। और फिर इस खेल का आयोजन हॉलैंड की राजधानी एम्सटडर्म में किया गया। 

जिसके बाद इस पैरालम्पिक में करीब 42 देशों के लगभग 2500 पैरैटलिटो ने भाग लिया। 1984 में दिमाग से कमजोर एथलीटों को पहली बार शामिल किया गया। जिसकी मेजबानी ब्रिटेन और अमेरिका ने मिल कर की थी। यह पहला मौका था जिसमे व्हीलचेयर में मैराथन रेश को शामिल किया। साथ ही 80 के दशक में पैरालंपिक खेल चरमोत्कर्ष पर था। 


जब पैरालम्पिक को सियोल में 1988 में आयोजिय किया गया था तब अंतरष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (IOC) द्वारा इसके नाम को अनुमोदित करके परालम्पिक्स रख दिया। इससे पहले इस खेल को अन्तर्रष्ट्रीय व्हीलचेयर के नाम से जाना जाता था। 


पैरालम्पिक खेलों संचालन किसके द्वारा किया जाता है ?


पैरालम्पिक खेलो का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (INTRENATIONAL PARAOLYMPIC COMMITTE) द्वारा किया जाता है। यह समिति शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन दोनों तरह के पैरालम्पिक खेलो का आयोजन करती है। एवं इस खेल से जुड़े सभी प्रकार के फैसला भी लेती है। 

अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक खेल (IPC) की स्थापना 22 सितम्बर 1989 को हुआ था हुआ था। इसका मुख्यालय जर्मनी के बोर्न में है। इसके वर्तमान अध्यक्ष एंड्र्यू परसन्स हैं।


पैरालम्पिक खेल का मूल्य। 


इस खेल मूलतः चार मूल्य माना जा  सकता है जिसमे पहला है -साहस, पैरालम्पिक खिलाडी इसमें यह दिखने की कोशिश करते हैं की अगर कोई  भी दिव्यांग वयक्ति अपने शरीर को उसकी पूर्ण सिमा तक प्रयास करने क्या गवाया और क्या हासिल किया जा सकता है। इसके तहत वे दिखाना चाहते हैं की अगर कोई भी पराएथलीट के पास सहस है तो वह अपने मेहनत के डैम पर दुनिया के सामने कुछ नया करके दिखा सकते हैं। 

दूसरा है ढृढ़ संकल्प - इसके जरिए पैरालंपिक खिलाडी यह सामने लाने की कोशिश करते हैं की अगर किसी चीज के प्रति हम पूर्णतः सजग और ढृढ़ हो जाए तो कोई भी वयक्ति कुछ भी पा सकता है। 

अगला है प्रेरणा, इस खेल के माध्यम से पैरा खिलाडी अपने साहस और ढृढ़ संकल्प के जरीय दूसरे पराएथलीट को ये प्रेरणा देने का काम करते हैं। और यह बताते हैं की मन में ठान लो  असंभव नहीं लगता। 

चौथा है समानता , इस खेल के माध्यम से पैरालम्पिक्स यह दर्शाना चाहते हैं की अगर मन में विश्वास हो तो वे भी एक आम इंसान के तरह कुछ भी कर या पा सकते हैं। क्योंकि मन में ढृढ़ संकल्प हो तो आम इंसान और दिव्यांग में समानता लाया जा सकता है। साथ ही दिव्यांगों का दृष्टिकोण बदलने का काम करते हैं। 


पैरालम्पिक में कितने खेल होते हैं ?


पैरालम्पिक में कुल 28 खेल होते हैं जिसमे 22 खेल ग्रीष्मकाल में तथा 6 खेल शीतकाल में आयोजित की जाती है। जैसे वर्तमान में जापान के टोक्यो में पैरालम्पिक खेलो का आयोजन है। इसे ग्रीष्मकालीन खेल कहते हैं। 


पैरालंपिक का आदर्श (IDEAL) वाक्य क्या है ?


पैरालम्पिक का आदर्श वाक्य 'SPRIT IN MOTION' है। इस वाक्य को 2004 में एथेंस में पैरालम्पिक खेलों के दौरान पेश किया गया था। जिसका मतलब है की पैरालम्पिक लगातार अपने शानदार प्रदर्शन से दुनिया को प्रेरित और उत्साहित करते हैं। तथा यह दिखाना चाहते हैं की पैरालम्पिक खिलाडी सदा आगे बढ़ते हैं और कभी हार नहीं मानते हैं। 


READ THIS ALSO...












     
PARAOLYMPICS KYA HOTA HAI
PARAOLYMPICS KYA HOTA HAI-trend2news.in 

           


  

Post a Comment

if you have any doubts, please let me know

और नया पुराने