BIHAR : HISTORY OF BIHAR IN HINDI

 बिहार का इतिहास एवं बिहार का महत्वपूर्ण पर्यटन  स्थल। 


bihar ka paryatak sthal
बिहार का इतिहास एवं प्रमुख पर्यटक स्थल एवं बिहार से जुडी विभिन्न प्रकार के सवाल। 


 



बिहार भारत का एक ऐसा राज्य है जिसके बीचो बीच गंगा नदी बहती है जो बिहार को दो भागो में बटाती है। बिहार सिर्फ भारत का एक राज्य  बल्कि इसका खुद का एक लम्बी इतिहास है। भले ही बिहार का स्थापना 1912 में हुआ हो लेकिन यही वो बिहार है जहां गौतम बुद्ध जैसे ज्ञानी को ज्ञान प्राप्त हुआ और महावीर स्वामी जैसे महान वयक्ति का जन्म हुआ। इतना ही नहीं इसका इतिहास सम्राटअशोक से भी पुराना है।

यही वो धरती हैं जिसने प्रागैतिहासिक काल से ऐतिहासिक काल तथा  आधुनिक तक पूरा भारत के इतिहास में अपना स्थान प्रथम रखता है। ये वही बिहार है जहाँ की धरती से भारत के प्रथम राष्ट्रपति नामित हुए थे। बिहार वह है जहाँ से गाँधी जी ने आजादी के लिए अपना प्रथम आंदोलन प्रारम्भ किया था। 

आइए आज इस लेख की माध्यम से हम उसी बिहार को विस्तार से समझने की कोशिश करेंगे। 


बिहार का प्रारंभिक इतिहास।   



प्राचीन काल। 

बिहार का इतिहास प्राचीन काल से प्रारम्भ होता है। सारन जिला में गंगा नदी के किनारे चिरांद नवपाषाण युग तथा ताम्र पाषाण काल के कुछ अवशेष पाए गए है जिससे यह साफ पता चलता है की बिहार का इतिहास प्राचीन काल से भी पुराना है।  

मिथिला को पहली बार इंडो-आर्य लोगों ने विदेह की स्थापना के बाद प्रतिष्ठा प्राप्त की। वैदिक कल से पहले विदेह दक्षिण एशिया के प्रमुख रानजीतिक तथा सांस्कृतिक केन्द्रो में एक बना रहा। मिथिला के राजा जनक कहलाते थे। वालमीकि द्वारा रचित रामायण में सीता को मिथिला के राजा जनक की पुत्री बताया गया है जिनका विवाह भगवान राम के साथ हुआ था। वज्जि के पास एक रिपब्लिकन शासन था जहाँ के राजा के चुनाव वहां के जनता के द्वारा निर्णय लिया जाता था। 

जैन तथा बौद्ध धर्मो से मिली जानकारी के अनुसार 6वीं सदी ईसा पूर्व वज्जि को गणराज्य के रूप में स्थापित किया गया था। गौतम बुद्ध के जन्म से पहले (463 ईसा पूर्व ) यह दुनिया का सबसे पहला गणतंत्र था। जैन धर्म के अंतिम तीर्थकर महावीर स्वामी का जन्म भी वैशाली में हुआ था। आधुनिक बिहार के पशिचमी क्षेत्र को मगध महाजनपद के रूप में जाना जाता था जिसपर बहुत बड़े बड़े राजाओं ने शासन किया था और अपना वंश को बिहार के आलावा कई महाजनपदों के भी जीता था। 

ऋंगवेदिक काल में वृहदत्त वंश का शासन था। सन ६८४ ईसा पूर्व में मगध पर हर्यक वंश का शासन हुआ जिसकी राजधानी राजगृह आधुनिक राजगीर में हुआ था। इस वंश में दो सबसे प्रसिद्द शासक हुए जिनका नाम बिंबिसार तथा उनके बेटा आजादशत्रु थे। आजादशत्रु ने गद्दी प्राप्त करने के लिए अपने पिता की हत्या कर दिया था और फिर इसके बेटा ने भी गद्दी के लिए आजादशत्रु की हत्या कर दिया था जिस कारण इस वंश को प्रीतिहन्ता वंश कहा जाता है। आजादशत्रु का बेटा उदयिन ने पाटलिपुत्र शहर की स्थापना किया जो की बाद में मगध का राजधांनी बना। 

हर्यक वंश के बाद मगध पर शुंग वंश का शासन हुआ। जिसका सबसे प्रसिद्द शासक पुष्पमितशुण्ग हुआ था। इस वंश के बाद महापदम नन्द से नन्द वंश का स्थापना किया जिसने बंगाल से पंजाब तक के फैले साम्राज्य पर शासन किया। 

भारत की पहली साम्राज्य जिसने लगभग सम्पूर्ण भारतवर्ष पर शासन किया जिसकी क्षेत्र पश्चिम में ईरान से लेकर पूर्व में वर्मा तक तथा उत्तर में मध्य सीए से लेकर दक्षिण में आधुनिक श्रीलंका तक था। जिस साम्राज्य का नाम मौर्य साम्राज्य था। इसकी स्थापना सन 324 ईसा पूर्व में इसके प्रथम शासक चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा किया गया था जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र को बनाया गया था। इस वंश का सबसे प्रतापी शासक अशोक जिसका जन्म पाटलिपुत्र आधुनिक पटना में ही हुआ था उन्हें विश्व का सबसे बड़ा शासक माना जाता है। 

मौर्य साम्राज्य भारत की आजतक के सबसे बड़ा साम्राज्य था जिसकी नींव बिहार की धरती से ही प्रारम्भ होती है और अंततः सम्पूर्ण भारतवर्ष पर अपना रंग जमा लेती है। इस वंश के प्रथम शासक ने चंद्रगुप्त मौर्य ने बहुत सारी युद्ध लड़ी जिसमे उनकी सबसे प्रचलित युद्ध ग्रीक यूनानी शासक सेलुकस निकेटर को हराकर उसकी बेटी हेलेन से शादी करना। इस युद्ध में चन्द्रगुप्त ने यूनान के शासक सेलुकस को हराकर पर्शिया का बड़ा हिंसा जित लिया था। और उसकी बेटी से विवाह सम्बन्ध बनाया था। 

इसके बाद चन्द्रगुप्त का बेटा बिन्दुसार ने शासन किया और अपने साम्राज्य को बढ़ाया। बिंदुसार के बाद इस वंश का सबसे प्रतापी शासक अशोक राजा बना जिसने सम्पूर्ण भारत को अपने कब्जे में ले लिया। कुछ ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार अशोक ने अपने 99 भाईयों को राजा बनने के चलते मौत के घाट उतार दिया था। अशोक ने 269 ईशा पूर्व में मगध का शासक बना । मगध के शासन संभालने के बाद इन्होंने 261 इसापूर्व में कलिंग का युद्ध लड़ा और इसे जीता । युद्ध मे काफी नरसंघार देखने के बाद अशोक का हृदय परिवर्तन हो गया और उसने धम्म की नीति अपना ली ।

अशोक के धम्म आज भी बहुत प्रासंगिक है।

बिहार वही राज्य है जहां के शासक शेर शाह सूरी ने मुगल वंश के राजा हुमायु को बिहार से धकेल के बाहर फेंक दिया था।

बिहार का प्रमुख पर्यटक स्थल

बौद्ध परिपथ- बोध गया, राजगीर , नालंदा, पटना,वैशाली,लौरिया, विक्रमशिला और जहानाबाद।

सूफी परिपथ-ममेर शरीफ,बिहारशरीफ, जहानाबाद,फुलबरिशरीफ,सासाराम और मुंगेर।

जैन परिपथ-पावापुरी, राजगीर,पूर्वी चंपारण,मंदार और बसोकुण्ड।

रामनगर परिपथ-वाल्मीकि नगर,सीतामढ़ी,दरभंगा,गया,भोजपुर,बॉक्सर, जमुई,औरंगाबाद और जहानाबाद।

शक्ति परिपथ-पटना,आमी, थावे,उच्चैट और उग्रतारा।

सिख परिपथ-पटना साहिब,लक्ष्मीपुर,गया और सासाराम।
गांधी परिपथ-पटना,मोतिहारी और भितिहरवा।
ये सभी बिहार के विभिन्न पर्यटक स्थल है।

 

बिहार से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रश्न 


बिहार का स्थापना-22 मार्च 1912 

बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री- श्री कृष्ण सिंह।

बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री-श्री नीतीश कुमार।

बिहार के कुल जिले-38

बिहार की कुल जनसंख्या-12 करोड़ ।

जनसंख्या के आधार पर बिहार का देश मे स्थान-तीसरा।
बिहार का साक्षरता दर - 61.8%

बिहार का राजकीय चिन्ह- बोधि वृक्ष।

बिहार का राजकीय भाषा- हिंदी।

बिहार का राजकीय पशु - बैल।

बिहार का राजकीय पक्षी-गोरैया।

बिहार का राजकीय फूल-गेंदा का फूल।

बिहार का राजकीय मछली -मांगुर।
बिहार की राजधानी-पटना।

बिहार की उच्चन्यायालय-पटना।

बिहार में प्रमंडल-09

सबसे बड़ा जिला-पश्चिमी चंपारण।

सबसे छोटा जिला-शिवहर।

बिहार में गांवो की संख्या-39073

बिहार के कुल पुलिस स्टेशन-853

बिहार के विधान सभा सीट-243

लोकसभा सीट-40

नगर परिषद की संख्या-49

नगर पंचायत-80

बिहार के प्रसिद्ध राजनीति पार्टी-जदयू,राजद,लोजपा इत्यादि।






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