आशा पारेख।
ASHA PAREKH BIOGRAPHY
अभिनेत्री आशा पारेख 2 अक्टूबर को अपना 80वां जन्मदिन मनाएगी। आज उन्हें प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा यह महज संयोग है कि बाल कलाकार के रूप में शुरुआत करने वाली आशा की बतौर नायिका पहली फिल्म "दिल दे कर देखो" उनके 17वें जन्मदिन पर वर्ष 1959 में रिलीज हुई थी। उनके फिल्मी सफर के अहम पड़ाव से जुड़ी बातें इस लेख में हम आपके सामने साझा कर रहे हैं।
आशा पारेख की जीवनी। BIOGRAPHY OF ASHA PAREKH
आशा पारेख गुजराती है जिनका जन्म 2 अक्टूबर 1942 को सुधा और बचूभाई पारेख जो कि एक गुजराती बनिया थे के यहाँ हुआ था। आशा की मां के उनकी कम उम्र में ही भारतीय शास्त्रीय नृत्य कला में दाखिला करबा दिया था। इसके बाद उन्होंने बंसीलाल सहित कई शिक्षको से नृत्य सीखी।आशा ने आजीवन अविहावित जीवन बिता रही है।
30 सितम्बर 2020 को आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
आशा पारेख का संक्षिप्त जीवनी।
पूरा नाम- आशा पारेख।
जन्म-2 अक्टूबर 1942
जन्म स्थान- कर्नाटक,भारत।
व्यवसाय-अभिनेत्री,निर्माता और नर्तकी।
कैरियर शुरुआत-1952
आशा पारेख का परिवार।
पिता-बच्चूभाई पारेख।
माता-सुधा।
भाई-बहन-ज्ञात नही।
आशा पारेख का फिल्मी कैरियर।
आशा पारेख ने फिल्म "मां"से एक बाल कलाकार के रूप में अभिनय का सफर शुरू किया था। लेकिन बताओ ना क्या पहली फिल्म "दिल देके देखो" से उन्होंने दर्शकों के दिलों में जगह बनाई थी। इस फिल्म में उनके हीरो शम्मी कपूर थे। इस फिल्म से पहले, फिल्म निर्देशक विजय भट्ट ने उन्हें अपने फिल्म गूंज में लेने से मना कर दिया था।
विजय भट्ट को आशा स्टार मटेरियल नहीं लगी थी। वही दिल दे के देखो की समीक्षा में लिखा गया,'ए स्टार इज बर्न' यानी एक सितारे का जन्म। नवोदित सितारे के लिए या चार शब्द आजीवन यादगार होते हैं। इस फिल्म के बाद आशा पारेख को बहुत सारे फिल्मों के ऑफर आए थे।
इसके बाद आसान है हम हिंदुस्तानी फिल्म किया। इस फिल्म की पटकथा गांधी के सिद्धांतों से प्रेरित थी। इस फिल्म में आशा के हीरो सुनील दत्त थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत रही।
उसके बाद आई उनकी फिल्म घुंघट और घर आना सुपरहिट रही। इन फिल्मों की सफलता की वजह से आशा पारेख की फीस ₹11000 से बढ़कर ₹75 हो गई थी।
आशा ने अपने फिल्मी सफर के दौरान शंभू कपूर मनोज कुमार,जया मुखर्जी, देवानंद, राजेश खन्ना, धर्मेंद्र जैसे कई नामचीन नायको के साथ काम किया था। शुरुआती वर्षों में उन्हें अपने पसंदीदा अभिनेता गुरु दत्त के साथ फिल्म भरोसा में अवसर मिला था। उस समय बतौर अभिनेता और निर्देशक गुरुदत्त की अलग ही आभा थी।
इस तरह से आशा पर एक नहीं 1952 से लेकर लगातार 1995 तक इस फिल्म इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक फिल्मों में अभिनय की और अपना नाम बनाया। आशा पारेख एक सफल अभिनेत्री है।जिन्हें आज दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया शायद यह उनकी जीवन भर की मेहनत की कमाई थी,जिसने आज उनका नाम इतिहास में रोशन कर दिया।
आशा पारेख के पति का नाम क्या है?
आशा पारेख ने अपने संपूर्ण जीवन को अविवाहित गुजार दिया है। उन्होंने आज तक किसी से भी विवाह नहीं किया और वह वर्तमान में 80 साल की हो गई है। उन्होंने अपना 80वां जन्मदिन 2 अक्टूबर 2022 को मनाया।
मूल्यवान है या मैत्री।
अभिनेत्री अरुणा ईरानी ने आशा पारेख के साथ कई फिल्मों में काम किया है। आशा को दादा साहब फाल्के सम्मान की घोषणा पर वह कहती है, यह हम सभी के लिए बहुत खुशी की बात है। हमारे बीच में तब हाल-चाल जानने के अलावा बातें नहीं होती थी। उसके बाद हमने फिल्म भाग्यवान में साथ काम किया तब हमारे बीच अच्छी दोस्ती हुई। हमारी दोस्ती बहुत कीमती है। वह स्वभाव और व्यवहार में सरल है और निजी जिंदगी में ही बहुत शादी हमसे रहती है।
आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार कब मिला?
बॉलीवुड अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहब फाल्के पुरस्कार 30 सितंबर 2022 को दिया गया।
एक फिल्म की शूटिंग के दौरान की कहानी।
आशा पारेख जब हम हिंदुस्तानी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे,तो इस फिल्म में हीरो के रूप में सुनील दत्त थे। इस फिल्म में आशा लंदन से लौटती युवति थी की भूमिका में थी। आशा के साथ रोमांटिक सीन करते हुए सुनील दत्त व सहज हो जाया करते थे।
एक बार उन्होंने आशा के कान में कहा कि मैं आपकी मां के सामने आपको गले नहीं लगा सकता हूं। अगर बुरा ना लगे तो उनसे उस समय वहां से जाने का आगरा करिए। इस बात ने आशा को काफी विस्मित किया था कि कोई हीरो इतना विचार सीध भी हो सकता है।
आशा पारेख की कुछ बेमिसाल फ़िल्मे।
दिल देके देखो कामा कारवाँ,कटी ,पतंग,आया सावन झूम, लव इन टोक्यो,सरीखी। इस तरह की कई फिल्में आशा के कैरियर का बेमिसाल फिल्म रही है। उन्होंने इसके अलावा दर्जनों फिल्मों में बतौर अभिनेत्री काम की है।
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