भारत के मुख्य न्यायाधीश के न्युक्ति कैसे होती है(HOW IS THE CHIEF JUSTICE APPOINTED IN INDIA)

 


भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन हैं या  उसकी  न्युक्ति कैसे  होती है ? 





भारत के संविधान में इस बात का कोई भी जानकारी नहीं मिलती है की देश के मुख्य न्यायाधीश की न्युक्ति कैसे की जनि चाहिएए या कैसे की जा सकती है। भारत के संविधान {अनुच्छेद 121 (१)}में यह प्रावधान जरूर है की बहरत में एक सुप्रीम कोर्ट होगा और उसका एक मुख्यन्यायधीश होगा।  लेकिन इसमें  

Chief Justice of India

 की योग्यता और उसकी न्युक्ति कैसे होगी इसका कोई विस्तार से चर्चा नहीं है। व्ही अनुच्छेद 126 में कार्यकारी मुख्यन्यायाधीश की न्युक्ति के बारे में जिक्र जरूर मिलता है। 

मुख्यन्यायधीश कैसे बनते हैं 



Chief Justice of India

 के न्युक्ति को लेकर संवैधानिक प्रावधान न होने के कारन सर्वोच्च पद के न्युक्ति क्ले लिए  परम्पराओ का सहारा लिया जाता है। जिसके तहत जब मौजदा जज RITYAR होंगे (सुप्रीम कोर्ट के सभी जज 65 साल की उम्र में RITYAR होते हैं ) तो सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज बतौर मुख्यननयधीश उनकी जगह लेंगे यहाँ पर मुख्य नयायधीश का चयन उनके उम्र से नहीं ,बल्कि इस बात से तय किया जाता है की उनको सुप्रीम कोर्ट में जज कब न्युक्त  किया गया था। लेकिन इसमें सबसे तोचक बात यह है की व्ही जज सबसे वरिष्ठ मन जाएगा जो सबसे लम्बे से सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत है।  जैसे मन ले की कोई CJI RITYAR हो रहे हो और कोई एक जज ऐसा है जो ६३ साल के है और वो  5 साल साल से सुप्रीम कोर्ट में काम क्र रहा है जबकि  जज है जो 60 साल का है  लेकिन वः ६ साल से कार्यरत है तो ऐसी स्थिति में 60 साल के उम्र वाला व्यक्ति वरिष्ठ मन जाएगा और वही  देश का अगला मुख्य नयायधीश होगा। 

अगर दो जज एक ही दिन शपथ लेया हो तो CJI का चुनाव कैसे होगा ?
   

    अगर दो जज एक ही दिन शपथ लेता है तो उसमे मुख्यनायधीश का चुनाव सबसे पहले लिया जज के आधार पर होगा और जो जज सबसे पहले  होगा उसे मुख्यनायधीश घोषित किया जाएगा। ऐसा ही एक बार 2011 में हुआ था जब 10 जुलाई 2011 को जस्टिस चेलमेश्वर नियुक्त किए गए थे। ठीक उसी दिन दीपक मिश्रा भी नियुक्त किया गए थे जो उम्र में चेलश्वर से 4 महीने छोटे थे फिर भी दीपक मिश्रा को अगस्त 2017 में  मुख्यनयधीश नियुक्त किए गए थे।  ऐसी स्थिति में वरिष्ठ तत्य कारण के लिया कई और चीजों का इस्तेमाल किया  जाता है की  पहले शपथ दिलाई गयी थी और तब इसी आधार पर जस्टिस चलेश्वर और मिश्रा में मिश्रा को CJI नियुक्त किया गया था। 
इसके बाद यह भी देखा जाता है की वे  जज  ने हाई कोर्ट में  वक्त तक सेवा की है और यह भी देखा  की किस जज को सीधे बार ने नॉमिनेट किया है जैसे दो जजों में किसने पहले हाई लोरत में जायदा सेवा किया है उसे भी अनुभव के आधार पर CJI नियुक्त  है। CJI की नियुक्ति की यह परंपरा पुराने समय से ही चली आरही है जिसकी पुष्टि 1993 में सुप्रीम कोर्ट में सेकंड जजेज केस मि की गयी थी इसमें बहुमत के साथ यह कहा गया था की सुपोरेमे कोर्ट के मुख्यनायधीश की नियुक्ति वरिष्ठ जज को ही इसके लिए नामित किया जा सकता है। 


सुप्रीम कोर्ट के जज की चयन

 की प्रक्रिया 


    
      1. जिस प्रकार केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश से उनके उत्तराधिकारी के बारे में पूछा है ठीक उसी प्रकार हर बार केंद्रीय कानून, न्याय और कंपनी मामलों का मंत्रालय मुख्य न्यायाधीश से राय मांगता है।
2. इसके बाद सीजेआई वरिष्ठतम जज के नाम की सिफारिश करते हैं जिसमें उन्हें मुख्य न्यायाधीश के फिटनेस को लेकर कोई संदेह नहीं होता है। यही नहीं सीजेआई आगामी सीजेआई के लिए कॉलेजियम से भी बात करते हैं और राय लेते हैं। 
3. सीजेआई की सिफारिश के बाद कानून मंत्रालय इसे आगे बढ़ाता है और वह प्रधानमंत्री के पास जाता है और वहीं से यह जानकारी राष्ट्रपति तक पहुंचाई जाती है
4. इस पूरी  प्रक्रिया के बाद सीजेआई के नाम पर मुहर लगती है और फिर राष्ट्रपति उन्हें शपथ दिलाते हैं।

     CJI के नियुक्ति में सरका का क्या रोल होता है?

चीफ जस्टिस के चयन की प्रक्रिया में कानून मंत्री और प्रधानमंत्री की भागीदारी के साथ कॉलेजियम का भी अहम रोल होता है। सरकार कॉलेजियम के फैसले पर दोबारा विचार के लिए वापस भेज सकती है। और अगर कॉलेजियम दोबारा उसी नाम को भेजती है तो सरकार फिर उसका विरोध नहीं कर पाती है। 
  
CHIEF जस्टिस ऑफ़ इंडिया की नियुक्ति  

मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ और इस काम के लिए सबसे फिट जज का चयन किया जाता है। कानून, न्याय और कंपनी मामलों का केंद्रीय मंत्रालय इसके लिए सही समय पर रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से नए मुख्य न्यायाधीश का प्रस्ताव मांगता है।

अगर ऐसे वरिष्ठतम जज के फिटनेस में किसी बात को लेकर संदेह होता है तो संविधान के अनुच्छेद 124(2) के अनुसार अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए फिर से कॉलेजियम में सलाह- मशविरा किया जाता है। मुख्य न्यायाधीश ऑफ इंडिया से सिफारिश आने के बाद केंद्रीय कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री देश के प्रधानमंत्री के सामने प्रस्ताव देते हैं और इसके बाद राष्ट्रपति के आगे फाइल बढ़ाई जाती है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन है 

न्यायमूर्ति H J कानिया भारत के प्रथम एवं न्यायमूर्ति   N V  रमन भारत के वर्तमान मुख्यनायधीश हैं। 


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