गोपाल कृष्ण गोखले। GOPAL KRISHN GOKHALE BIOGRAPHY IN HINDI

गोपाल कृष्ण गोखले।



▪️गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, 1866 को वर्तमान महाराष्ट्र (तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा) के कोटलुक गाँव में हुआ था।

▪️उन्होंने कोल्हापुर के राजाराम कॉलेज में पढ़ाई की तथा गोखले ने वर्ष 1884 में एल्फिंस्टन कॉलेज से स्नातक किया।

▪️गोखले ने सामाजिक सशक्तीकरण, शिक्षा के विस्तार और तीन दशकों तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में कार्य किया तथा प्रतिक्रियावादी या क्रांतिकारी तरीकों के इस्तेमाल को खारिज किया।

▪️वर्ष 1899 से 1902 के बीच वह बॉम्बे लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य रहे और वर्ष 1902 से 1915 तक उन्होंने इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में काम किया। 

▪️इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में काम करने के दौरान गोखले ने वर्ष 1909 के मॉर्ले-मिंटो सुधारों को तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

▪️वर्ष 1889 में गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने। कई मायनों में, तिलक और गोखले के शुरुआती करियर में समानता थी। दोनों चित्पावन ब्राह्मण थे, दोनों एल्फिस्टन कॉलेज में पढ़े, दोनों गणित के प्रोफेसर बने और दोनों ही डेक्कन एजुकेशन सोसायटी के महत्त्वपूर्ण सदस्य थे। 

▪️यह वह समय था जब ‘नरम दल’ और लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक तथा अन्य के नेतृत्व वाले ‘गरम दल’ के बीच व्यापक मतभेद पैदा हो गए थे। वर्ष 1907 के सूरत अधिवेशन में ये दोनों गुट अलग हो गए।

▪️वैचारिक मतभेद के बावजूद वर्ष 1907 में उन्होंने लाला लाजपत राय की रिहाई के लिए अभियान चलाया, जिन्हें अंग्रेज़ों द्वारा म्यांमार की मांडले जेल में कैद किया गया था।

▪️वर्ष 1905 में अपने राजनीतिक जीवन के क्षेत्र को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अध्यक्ष के रूप में चुना।

▪️भारतीय शिक्षा के विस्तार के लिए 12 जून, 1905 को उन्होंने पुणे, महाराष्ट्र में सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसायटी (Servants of India Society) की स्थापना की। सोसायटी ने शिक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने और अस्पृश्यता और सामाजिक भेदभाव, शराब, गरीबी, महिलाओं के उत्पीड़न और घरेलू दुर्व्यवहार से लड़ने के लिए कई अभियान चलाए।

▪️वे महादेव गोविंद रानाडे द्वारा शुरू की गई 'सार्वजनिक सभा पत्रिका' से भी जुड़े थे।

▪️वर्ष 1908 में गोखले ने ‘रानाडे इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स’ की स्थापना की।

▪️उन्होंने अंग्रेज़ी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘द हितवाद’ की शुरुआत की।

▪️एक उदार राष्ट्रवादी के रूप में महात्मा गाँधी ने गोखले को अपना ‘राजनीतिक गुरु’ माना था।

▪️महात्मा गाँधी ने गुजराती भाषा में गोपाल कृष्ण गोखले को समर्पित एक पुस्तक 'धर्मात्मा गोखले' लिखी।

▪️19 फरवरी, 1915 को गोखले का निधन हो गया।

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