IT रेड में जप्त करोड़ो रुपया का क्या होता है ?
जब कोई सरकारी एजेंसियां किसी की प्रॉपर्टी या उसकी घर में छापेमारी करती है तो आप जानते हैं की जप्त की गयी रकम होता हैं ,ये पैसे या कोई भी वास्तु जो छापेमारी में सरकारी अधिकारीयों द्वारा जप्त की जाती है तो उस संपत्ति पर किसका अधिकार होता है। क्या आप जानते हैं की जप्त की गयी राशि या संपत्ति जिसके घर से जप्त की जाती है उसे वापस भी होता है अगर नहीं तो आज हम आपको इस ब्लॉग में IT रेड से लेकर सभी एजेंसियों की छापेमारी के बारे में बताऊंगा। यह जानने पूरा लेख जरूर पढ़ें।
पियूष जैन केस।
सबसे पहले आपको 11सौकिलोमीटर दूर चार ट्रकों में लाडेपान मसाले का कनेक्शन कानपुर के इत्र व्यापारी से कैसे जुड़ गया ? उसे पहले बताते हैं। दरअसल करीब ढाई महीने पहले अहमदाबाद के जीएसटी इंटेलिजेंस टीम ने चेकिंग के दौरान पैन मसाले से लदे चार ट्रक पकड़े थे। भले ही पूरा ट्रक पान मसाले से लदा हुआ था लेकिन इनमें से किसी का भी 50000 से ऊपर का नहीं था जिसका एक आसान कारण टैक्स चोरी कहा जा सकता है।
इस मामले की जीएसटी डिपार्टमेंट ने खामोशी से जांच करनी शुरू कर दी, पान मसाला कानपुर से भेजा गया था। 22 दिसंबर की शाम को कानपुर पहुंच कर एक टीम ने पान मसाला की कंपनी और ट्रांसपोर्ट कंपनी पर छापा मारा। वहां से करीब एक करोड़ रुपए कैश मिला। इसी के जरिए इस टीम कोपियूष जैन का कनेक्शन का पता चला।पियूष जैन के बारे में ऐसा बताया जा रहा है कि वह ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक का बहनोई है,उसी रात पियूष के घर भी छापेमारी हुई। अब सवाल ये उठता है कि ऐसे जप्त संपत्ति का क्या होगा ? क्या सरकार इनसा,संपत्ति वापस करती है, अगर नहीं तो इतनी संपत्ति का क्या होगा ?
क्या IT रेड का पैसा वापस होगा ?
यह जानने के लिए एक मीडिया चैनल ने आयकर नियमों के जानकार गौरव कुमार से बात करने के पश्चात बताया है कि आय से ज्यादा संपत्ति होने पर टैक्स स्लैब के हिसाब से तीन सौ पर्सेंट तक टैक्स लगाया जा सकता है, नियम के अनुसार बरामद कैश या कुछ भी वापस मिलना मुश्किल है ऊपर से और टैक्स भरना ही पड़ सकता है जुर्माना के रूप में ।
इसमें आयकर विभाग क्या कहती है ?
वैसे तो आयकर नियम कहती है कि अघोषित संपत्ति पर मैक्सिमम 33 परसेंट टैक्स लगता है इसमें तीन परसेंट सच होता है। उसके बाद ऐसी मिली रकम पर दो सौ परसेंट तक पेनल्टी लग सकती है ऐसे देखे तो अगर 200 करोड़ की संपत्ति मिलती है तो उसमें करीब ₹65 करोड़ टैक्स के हो जाएंगे और 135 का रुपए तक का पेनल्टी लग सकता है जो मिलाकर 200 करोड़ से ज्यादा हो जाता है ऐसे में पैसे वापस मिलने का कोई सवाल ही उत्पन्न नहीं होता है। ऊपर से और पैसे देने पड़ सकते हैं।
ऐसे मामले में ED का भी दखल हो सकता है। मनी लांड्रिंग जैसे मामले में और पेनाल्टी लग सकती है, लेकिन ऐसे मामले में अगर कमाने का सही सोर्स दिया जाए तो राहत मिल सकती है, लेकिन ऐसा अगर नहीं हुआ तो जप्त रकम को भूलने के साथ-साथ और भी रकम चुकाने पड़ जाते हैं ।
Q .पियूष जैन कौन है ?
A-एक इत्र व्यापारी।
Q. पियूष जैन का घर कहाँ है ?
A -कानपूर।
Q . IT रेड के पैसा वापस दिया जाता है।
A -नहीं।
इस तरह के मामले में अक्सर लोग पहले तो टैक्स चोरी करते हैं फिर पकडे जाने के बाद बहुत सारे बहाने बनाते हैं ,लेकिन ऐसा करना गैर-क़ानूनी है इस तरह के मामले में टैक्स चोरी करने वाले को जेल भी हो सकती है।
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